मार्च, 2024, भगवती मानव कल्याण सगंठन एक अखिल भारतीय रजिस्टर्ड जनकल्याणकारी आध्यात्मिक सगंठन है। जिससे देश-विदेश के करोड़ों लोग जुड़े हुए हैं। यह सगंठन समाज में आपसी भाईचारा बनाने, नशामुक्त, मांसाहारमुक्त, चरित्रवान, चेतनावान, पुरुषार्थी एवं परोपकारी समाज का निर्माण करने के साथ ही जातभेद, छुआछूत, सांप्रदायिकता आदि सामाजिक बुराइयों को दूर करके, सभी जाति-धर्म-संप्रदाय को एक सूत्रपिरोते हुए समाज के बीच आध्यात्मिक वातावरण निर्मित करके लोगों को मानवता के पथ पर बढ़ाने का कार्य कर रहा है। उपर्युक्त लक्ष्यों की पूर्ति हेतु संगठन समय-समय पर विभिन्न क्षेत्रों में शक्ति चेतना जनजागरण शिविर एवं यात्राओं का आयोजन करता रहता है। इन आयोजनों में भगवती मानव कल्याण सगंठन एवं पंचज्योति शक्तितीर्थ सिद्धाश्रम के संस्थापक-संचालक धर्मसम्रात युग चेतना पुरुष सदगुरुदेव परमहंस योगिराज श्री शक्तिपुत्र जी महाराज के सानिध्य में लाखों लोग एक साथ सम्मिलित होते हैं।
परम पूज्य गुरुवरश्री के द्वारा तीन धाराओं- भगवती मानव कल्याण संगठन, पंचज्योति शक्तितीर्थ सिद्धाश्रम और भारतीय शक्ति चेतना पार्टी को प्रवाह दिया जा रहा है। ऋषिवर के आशीर्वाद एवं तीनों धाराओं के अथक प्रयासों का परिणाम है कि अब तक 1 करोड़ से अधिक लोगों ने नशे- मांसाहार से मुक्त होकर सच्चरित्रता का जीवन धारण करके माता भगवती आदिशक्ति जगत जननी जगदम्बा की साधना-आराधना को अपने जीवन का अंग बना लिया है जिससे उनके जीवन में सुख-शांति का प्रादुर्भाव हुआ है।
इसी क्रम में जन-जन के कल्याण हेतु भारतवर्ष के प्रत्येक प्रांतों के ज़िलों, तहसीलों व ग्राम स्तर एवं इच्छुक माँ के भक्तों के घरों पर 24-24 घंटे के श्री दुर्गा चालीसा के आखण्ड पाठ पूज्य सद्गुरदेव जी महाराज के आशीर्वाद व निर्देशन में भगवती मानव कल्याण संगठन के सदस्यों द्वारा सतत करवाए जा रहे हैं।
इसी क्रम में दिनांक 9 व 10 मार्च, 2024 को ज़िलास्तरीय श्री दुर्गा चालीसा पाठ 24 घंटे के लिए गीता भवन न्यू कॉलोनी, सेक्टर-7, गुरुग्राम (हरियाणा) में आयोजित किया गया जिसके समापन में हज़ारों माँ भक्तों ने माँ नशमुक्त, मांसाहारमुक्त और चरित्रवान जीवन जीने का संकल्प लिया।
इस अवसर पर भगवती मानव कल्याण संगठन के केंद्रीय महासचिव श्री अजय अवस्थी जी उपस्थित हुए और उन्होंने सभी माँ भक्तों को संबोधित करते हुए बताया कि ऋषियों की पुण्यधरा भारत देश धर्म- अध्यात्म के क्षेत्र में विकासोन्मुख बनाने और मानवजीवन को दिव्यचेतना से परिपूर्ण करने के लिए ऋषिवर श्री शक्तिपुत्र जी महाराज के द्वारा 23 जनवरी 1997 को शुभमुहूर्त में पंचज्योति शक्तितीर्थ सिद्धाश्रम की स्थापना की गई और वहाँ 15 अप्रैल 1997 से अनंतकाल के लिए श्री दुर्गा चालीसा अखंड पाठ प्रारंभ कराया गया तथा वियागत 25 वर्षों से यह क्रम दिन-रात, 24 घंटे अनवरत जारी है।
उन्होंने आगे कहा- इस भौतिकतावादी युग में जब चारोंओर अनीति-अन्याय-अधर्म व्याप्त है, शीर्ष सत्ता के साथ ही प्रदेश सरकारों ने शराब के कारोबार को राजस्व का मुख्य ज़रिया बना लिया है, जिसके चलते अपराध चरम पर है, मानवता चीख रही है, ऐसी विषम परिस्थिति में ऋषिवर सदगुरुदेव परमहंस योगिराज श्री शक्तिपुत्र जी महाराज, सनातन धर्म व ऋषिपरम्परा को निभाते हुए अपने तप बल, कर्म, वाणी व सरल साधारण धार्मिक नियमों से धर्मरक्षा, राष्ट्ररक्षा एवं मानवीय मूल्यों की स्थापना के लिए संकल्पबद्ध हैं और इस संकल्प को पूरा करने की दिशा में लगभग एक लाख धर्म योद्धा, आपश्री के शिष्य अपना तन-मन-धन न्यौछावर करने के लिए तत्पर हैं।
श्री अवस्थी जी ने समाज के सभी लोगों का आवाहन करते हुए कहा कि सभी देशवासी, क्षेत्रवासी नशे-मांस को छोड़ते हुए चरित्रवानों का जीवन जीने का संकल्प लें और समाज को भी इसके लिए प्रेरित करें।